मध्य प्रदेश के प्रमुख त्यौहार और उत्सव: Festival of MP in Hindi

Festival of Madhya Pradesh in Hindi: मध्य प्रदेश भारत का एक ऐसा राज्य है जहाँ पर हर जाति हर धर्म के लोग और इसके साथ ही भारत के विभिन्न कोने के लोग भी रहते हैं। मध्य प्रदेश को भारत का दिल कहा जाता है। क्योंकि यह देश की सांस्कृतिक और विरासत त्योहारों को आयोजित करता है जो कि दुनिया में और कहीं नहीं देखे जा सकते हैं। मध्य प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहाँ पर विभिन्न उत्सव मनाये जाते हैं और इसके साथ ही विभिन्न मेलों और त्योहारों का आयोजन भी किया जाता है। मध्य प्रदेश को देश का एक आकर्षक राज्य माना जाता सकता हैं। भले ही आप मध्य प्रदेश में कभी भी आयें आप यहाँ पर किसी न किसी उत्सव का आयोजन जरुर देख पाएंगे। अगर आप मध्य प्रदेश में मनाये जाने वाले विभिन्न योहार और उत्सवों के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा अवश्य पढ़ें यहाँ पर हम आपको मध्य प्रदेश के प्रमुख उत्सवों के बारे में बताने जा रहें हैं।

मध्य प्रदेश के प्रमुख त्यौहार और उत्सव: Festival of MP in Hindi

लोकरंग महोत्सव (Lokrang Festival of Madhya Pradesh in Hindi)

Lokrang Festival of Madhya Pradesh in Hindi

यह मध्य प्रदेश का एक प्रमुख सांस्कृतिक उत्सव है जिसमें राज्य और देश के सभी नर्तक अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं। इस उत्सव को भीपाल में आयोजित किया जाता है जो जनवरी के महीने में होता है। यह उत्सव लगभग 4 से 5 दिनों तक चलता ह। इसके अलावा इस उत्सव में लोक संगीत का आयोजन भी किया जाता है। इस उत्सव में आप मंच पर लोक नृत्यों, संगीत और जातीय नृत्यों को देख सकते हैं। इसके अलावा इस उत्सव पर मध्य प्रदेश के आदिवासी समुदाय द्वारा तैयार किये गए पंखों और हस्तशिल्प के सुंदर संग्रह भी देख सकते हैं। लोकरंग उत्सव का आयोजन मध्य प्रदेश आदिवासी लोक कला अकादमी द्वारा किया जाता है।

खजुराहो महोत्सव (khajuraho festival in madhya pradesh in Hindi)

khajuraho festival in madhya pradesh in Hindi

इस उत्सव को फरवरी के महीने में खजुराहो में आयोजित किया जाता है। आपको बता दें कि यह महोत्सव लगभग 7 दिनों तक चलता है । इस उत्सव का प्रमुख आकर्षक नृत्य प्रदर्शन होता है। इस उत्सव में सभी प्रदर्शन चित्रगुप्त और विश्वनाथ मंदिर के ठीक सामने एक मच पर होते हैं। इस उत्सव में भारत के विभिन्न नृत्यों का प्रदर्शन किया जाता है जैसे कथक, भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी, मणिपुरी, ओडिसी और कथकली आदि। इस उत्सव के दौरान मंदिर को बहुत ही खूबसूरत रूप से सजाया जाता है। भारतीय पौराणिक कथाओं की माने तो देवी और देवता संगीत, नृत्य, गायन और वाद्य संगीत को बेहद पसंद करते थे। हर साल इस विशाल मंदिर के निर्माताओं को श्रद्धांजलि देने के लिए नृत्य प्रदर्शन के रूप में इस उत्सव को मनाया जाता है। आपको बता दें कि इस उत्सव का प्रमुख आकर्षण ओपन-एयर मार्केट है। जहाँ पर आप  यहाँ के कारीगरों के द्वारा बनाई कई कलाकृतियां, मूर्तियां और कई अन्य शिल्प भी देख सकते हैं।

अखिल भारतीय कालिदास समारोह (Kalidas samaroh in Hindi)

Kalidas samaroh in Hindi

अखिल भारतीय कालिदास समारोह का आयोजन भारत की पवित्र नगरी उज्जैन में किया जाता है। यह महोत्सव लगभग 7 दिनों तक चलता है। इसमें दुनिया भर के प्रसिद्ध लेखक और कवी शामिल होते हैं।

भगोरिया हाट महोत्सव (Bhagoria festival in Madhya Pradesh in Hindi)

Bhagoria festival in Madhya Pradesh

भगोरिया हाट मध्य प्रदेश का एक लोकप्रिय उत्सव है जो कि राज्य के आदिवासी लोगों द्वारा बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। अको बता दें कि यह महोत्सव अपने आप में अनूठा है क्योंकि इसमें युवा लड़की और लड़का अपना जीवन साथी चुनते हैं। इस त्यौहार पर जो भी लड़की और लड़का एक दूसरे को पसंद करते हैं वह अपने पार्टनर को लाल रंग को लाल पाउडर लगाते हैं। यह उत्सव मुख्य रूप से पश्चिम निमाड़ (खरगौन) और झाबुआ में मार्च में होली से पहले मनाया जाता है। इस त्यौहार को प्रेम के पर्व के रूप में भी जाना जाता है।

उजैन का कुंभ मेला (kumbh mela ujjain in hindi)

kumbh mela ujjain in hindi

उज्जैन भारत के उन प्रमुख स्थानों में से एक है जहाँ पर कुंभ का मिला लगता है। आपको बता दें कि कुंभ का मेला भारत के 4 शहरोंइलाहाबाद, हरिद्वार, उज्जैन या नासिक में हर बारह साल में 5 बार आयोजित किया जाता है। यह कुंभ का मेला बुराई पर अच्छा की जीत की याद दिलाता है। ऐसा माना जाता है कि मेले में पवित्र शिप्रा नदी में दुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं और पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति मिलती है। इस लेख को लिखते समय अंतिम बार वर्ष 2016 में उज्जैन में कुंभ मेले का आयोजन किया गया था।

मालवा उत्सव (malwa utsav in hindi)

मालवा उत्सव मध्य प्रदेश में सबसे बड़े और शानदार उत्सवों में से एक है। आपको बता दें कि इस उत्सव के दौरान नृत्य और संगीत का प्रदर्शन किया जाता है। इस उत्सव का हिस्सा बनने के लिए दुनिया के विभिन्न हिस्सों से लोग उज्जी और इनडोर आते हैं। इस उत्सव को संस्कृति और नृत्य का भंडार कहा जाता है। इस उत्सव के दौरान विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं के समृद्ध समामेलन को एक साथ देखा जा सकता है। इस मेले में आने वाले लोग लजीज और स्वादिष्ट व्यंजनों का लुफ्त भी उठा सकते हैं। यह मेला उज्जैन और इंदौर क्रमश 2 दिन और 5 दिन आयोजित होता है।

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