मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध व्यक्ति- Famous personality of Madhya Pradesh in Hindi - Freshers Cloud

मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध व्यक्ति- Famous personality of Madhya Pradesh in Hindi

मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध व्यक्ति : मध्य प्रदेश भारत का एक ऐसा राज्य है जहाँ पर कई बड़ी हस्तियों ने जन्म लिया है। इस लेख में हमने मध्य प्रदेश की कई प्रमुख हस्तियों के बारे में बताने जा रहें हैं। मध्य प्रदेश में नागभट्ट प्रथम, मिहिर भोज, देवपाल, यशोवर्मन कुछ महत्वपूर्ण शासकों का जन्म हुआ है जो मध्य प्रदेश से संबंधित है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश में अटल बिहारी बाजपेयी, चंद्रशेखर आजाद, रानी लक्ष्मी बाई, तांत्या टोपे और रविशंकर शुक्ल जैसे स्वतंत्रता सेनानी का भी जन्म हुआ है। आइये आपको मध्य प्रदेश की प्रमुख हस्तियों के बारे में विस्तार से बताते हैं।

Famous Personalities of Madhya Pradesh in Hindi

रमेश चंद्र अग्रवाल (Ramesh Chandra Agarwal)

Ramesh Chandra Agarwa

रमेश चंद्र अग्रवाल  का जन्म झाँसी में हुआ था उन्होंने मध्य प्रदेश के ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज से अपनी पढ़ाई की और मध्य प्रदेश से ही अपने बिज़नेस की शुरुआत की। उनकी मृत्यु 12 अप्रैल 2017 को अहमदाबाद में हुई थी। रमेश चंद्र अग्रवाल एक सफल उद्यमी और मीडिया मालिक थे। वे दैनिक भास्कर के संस्थापक अध्यक्ष थे। रमेश चंद्र अग्रवाल ने 1958 में भोपाल, मध्य प्रदेश में दैनिक भास्कर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने इसे 1983 में इंदौर और 1996 में राजस्थान में लॉन्च भी किया। साल 2012 में उन्हें फोर्ब्स की भारत के सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची में 95वां स्थान दिया था।

नागभट्ट I (Nagbhatta I)

Nagbhatta I

नागभट्ट प्रथम प्रतिहार वंश का पहला प्रमुख शासक था। उन्होंने 730-756 CE के बीच शासन किया। उन्होंने अरबों के आक्रमण को निष्फल कर दिया था। इसके साथ ही उन्होंने राजा दंतिदुर्ग के खिलाफ भी लड़ाई थी। नागभट्ट I ने मोहम्मद बिन कासिम के साथ भी लड़ाई लड़ी थी जिसे राजस्थान की प्रथम लड़ाई के रूप में भी जाना जाता है।

देवपाल (Devpal)

देवपाल “पाल” राजवंश से संबंधित थे। आपको बता दें कि उन्होंने उन्होंने 810-850 ईस्वी के बीच शासन किया था । देवपाल ने अपने शासन के दौरान प्राग्ज्योतिषपुर (असम) और ओडिशा में भी शासन किया था। 

रानी लक्ष्मी बाई (Rani Lakshmi Bai)

Rani Lakshmi Bai

रानी लक्ष्मी बाई को झाँसी की रानी के नाम से जाना जाता है। आपको बता दें कि रानी लक्ष्मी बात का जन्म 19 नवंबर 1835 को वाराणसी में हुआ था। लक्ष्मी बाई ने सन 1857 के भारतीय विद्रोह में एक महत्पूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपनी बहादुरी दिखाई थी। लक्ष्मी बाई को अंग्रेजो के द्वारा किला छोड़ने को कहा गया था लेकिन उन्होंने अपनी बहादूरी दिखाते हुए अंग्रेजों से लड़ाई की।

मिहिर भोज (Mihir Bhoj)

Mihir Bhoj

मिहिर भोज प्रतिहार वंश के शासक थे। आपको बता दें कि उन्होंने  836-885 CE के बीच शासन किया था। मिहिर भोज एक बहुत ही बड़े शासक होने के साथ ही भगवान् विष्णु के बहुत बड़े भक्त थे। उनके द्वारा आदिवराह की उपाधि धारण की थी। उन्हें साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक माना जाता है क्योंकि उन्होंने पाल और राष्ट्रकूट को हराया था और कन्नौज अपना कब्जा किया था। बता दें कि मिहिर भोज हर दिशा में अपने साम्राज्य को बढाने का प्रयास किया था।

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टंटिया भील (Tantia Bhil)

Tantia Bhil

टंटिया भील को क्रांति सूर्य जननायक टंट्या मामा के नाम से भी जाना जाता है। टंटिया भील का जन्म 26 जनवरी 1942 को मध्य प्रदेश के खंडवा में हुआ था। उन्हें 4 दिसंबर 1889 को जबलपुर, मध्य प्रदेश (भारत) में अंग्रेजों द्वारा फांसी पर लटकाया गया था। उनकी पुण्य तिथि मध्य प्रदेश में बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है।

टंटिया भील जो कि भील जनजाति (एक आदिवासी समुदाय) का सदस्य भी थे। उन्होंने एक महान क्रांतिकारी और एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में भी भूमिका निभाई थी और ब्रिटिश शासन के खिलाफ 12 साल तक कड़ा संघर्ष किया। टंटिया भील ब्रिटिश सरकार के सरकारी खजाने को लुट लिया करते थे और इस लूटे हुए धन को गरीबों में बांट देते थे।

नरेन्द्र कर्मकार (Narendra Karmakar)

Narendra Karmakar

नरेन्द्र कर्मकार का जन्म 1956 में मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में हुआ था। आपको बता दें कि वे एक भारतीय गणितज्ञ हैं जिनके द्वारा कर्मकार के एल्गोरिदम को विकसित था जिसे आंतरिक बिंदु विधि के रूप में भी जाना जाता है। नरेन्द्र कर्मकार ने रेखीय प्रोग्रामिंग समस्याओं हल करने के लिए 1984 में कर्मकार का एल्गोरिदम पेश किया था।

बता दें कि नरेन्द्र कर्मकार को एक ISI (वैज्ञानिक सूचना संस्थान) के रूप में सूचीबद्ध किया गया किया गया था। नरेन्द्र कर्मकार कई अवार्ड भी दिए गए हैं जिनमें पेरिस कनेलाकिस अवार्ड (2000), 1999 के लिए श्रीनिवास रामानुजन जन्म शताब्दी पुरस्कार, भारत के प्रधान मंत्री द्वारा प्रस्तुत, भारत के राष्ट्रपति स्वर्ण पदक, IIT बॉम्बे (1978) के नाम शामिल हैं।

भीम राव अंबेडकर (Bhim Rao Ambedkar)

Bhim Rao Ambedkar

डॉ भीम राव अम्बेडकर को बाबा साहेब भी कहा जाता था। उनका जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्य प्रदेश के महू में हुआ था। आपको बता दें कि वे संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे और उन्हें भारतीय संविधान के जनक के रूप में जाना जाता है। डॉ। भीम राव अम्बेडकर हमेशा समाज में जाति आधारित भेदभाव के विरोधी थे और वे दलितों को संगठित करने और उनके अधिकारों की मांग के लिए वकालत भी करते थे। उन्होंने अस्पृश्यता के खिलाफ विरोध भी शुरू किया था। और इसके साथ ही उन्होंने इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी की स्थापना भी की।

अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee)

Atal Bihari Vajpayee

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म मध्य प्रदेश ग्वालियर शहर में 25 दिसंबर 1924 को हुआ था। आपको बता दें कि वे भारत के 10वें प्रधानमंत्री थे। अटल बिहार बाजपेयी ने आर्य समाज आंदोलन की युवा शाखा आर्य कुमार सभा से शुरुआत की।  वे केवल 16 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सक्रिय सदस्य बन गए थे। अटल बिहारी वाजपेयी भारत छोड़ो आंदोलन में भी शामिल हुए थे। 

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