famous festival of uttarakhand in hindi: उत्तराखंड भारत का एक बहुत ही लोकप्रिय राज्य है जिसे “देवभूमि” के नाम से जाना जाता है। जिसका अर्थ होता “देवताओं की भूमि”। यह मुख्य रूप से अपने आकर्षक पर्यटन स्थलों और तीर्थ स्थल के लिए काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। उत्तराखंड के आध्यात्मिक और धार्मिक वातावरण का आनंद लेने के लिए यहाँ पर दुनिया भारत से लोग आते हैं। उत्तराखंड में स्थित हरिद्वार में लोग गंगा नदी में स्नान करते हैं क्योंकि यह भारत की एक पवित्र नदी है। उत्तराखंड अपने बर्फ के पहाड़ों और पवित्र स्थलों की वजह से हर किसी की पहली पसंद है। इसके साथ ही यहाँ पर विभिन्न जाति, समुदाय और आदिवासी लोग भी निवास करते करते हैं। यहाँ के लोग हिंदी, भोटिया, गढ़वाली, कुमाऊंनी जैसी कई भाषाएं बोलते हैं। आपको बता दें कि उत्तराखंड में कई सारे त्योहारों को धूमधाम से मनाया जाता है। इस लेख में हम आपको उत्तराखंड के 5 सबसे प्रमुख त्यौहार के बारे में बताने जा रहें हैं। तो आइये जानते हैं उत्तराखंड का प्रमुख त्योहारों के बारे में।
उत्तराखंड के 5 सबसे प्रमुख त्यौहार- Uttarakhand Top 5 Festivals in Hindi
Table of Contents
1. कुंभ का मेला (kumbha mela)

कुंभ मेला उत्तराखंड के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है। आपको बता दें कि यह एक मेला होता है जिसमें देश भर के तीर्थयात्री जमा होते हैं। इस मेले में अपने पापो से मुक्ति पाने के लोग गंगा नदी में डुबकी लगाते हैं। यह मेला 3 महीने तक चलता है और हर 4 साल में एक बार 4 साल में एक बार इलाहाबाद, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में लगता है। इसका मतलब यह है कि यह 12 साल में एक बार इन जगहों में से किसी भी एक जगह पर लगता है।
2. बसंत पंचमी (Basant Panchmi)

बसंत पंचमी उत्तराखंड में मनाया जाने वाला एक ऐसा त्यौहार है जो कि बसंत के मौसम में मनाया जाता है। बसंत पंचमी उत्तराखंड का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्यौहार फरवरी के महीने में मनाया जाता है। इस मौके पर लोग पीले वस्त्र धारण करते हैं। इस दौरान लोग चौंफुला करते हैं और झुमेलिया नृत्य भी करते हैं। इसके अलवा लोग इस त्यौहार पर पतंग भी उड़ाते हैं। इस मौके पर ज्ञान की देवी सरस्वती जी पूजा भी की जाती है।
3. हरेला (Harela)

उत्तराखंड भारत का एक ऐसा राज्य है जहाँ पर लोग हर मौसम में कोई न कोई त्यौहार मानते हैं। इसी तरह हरेला भी एक त्यौहार है जो कि बारिश के मौसम में या मानसून की शुरुआत में मनाया जाता है। बता दें कि कुमाऊं समुदाय के लोगों के द्वारा श्रावण के महीने यानी जुलाई-अगस्त में मनाया जाता है। इस त्यौहार को लेकर पौराणिक कथा है कि यह भगवान शिव और पार्वती के विवाह समारोह के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान भक्त महेश्वर, गणेश जैसे देवताओं की मूर्तियाँ भी बनाते हैं।
4. नंदा देवी मेला (Nanda Devi Mela)

उत्तराखंड एक ऐसा पहाड़ी राज्य है जहाँ पर बड़ी संख्या में मंदिर स्थिति है। और यहाँ के प्रमुख मेलों में कई त्योहारों का आयोजन किया जाता है। इस मेले का आयोजन देवी नंदा और सुनंदा की याद में किया जाता है। यह मेला उत्तराखंड में नैनीताल, अल्मोड़ा, नौटी, दंडीधारा, मुनस्यारी, रानीखेत, भोवाली, किच्छा जैसे स्थानों पर किया जाता है। इस दौरान अल्मोड़ा और रूपकुंड के मेलों में बड़ी संख्या में भक्त शामिल होते हैं।
5. मकर संक्रांति (Makar Sankranti)

मकर संक्रांति उत्तराखंड का एक प्रमुख त्यौहार है जो इसके साथी ही अन्य राज्यों में भी मनाया जाता है। आपको बता दें कि हिंदू धार्मिक ग्रंथों में मकर सक्रांति का अपना एक अलग महत्व है। इस ख़ास दिन लोग सूर्य देवता की पूजा करते हैं और नदी में भी सनान करते हैं। इसके अलावा उत्तराखंड के स्थानीय लोग इस मौके पर खिचड़ी और तिल्ली के लड्डू भी बनाते हैं। उत्तरायणी का लोकप्रिय मेला इसी दौरान आयोजित किया जाता है।
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