Animal Subsidy : सरकार की ओर से किसानों सहित पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए कई नई-नई योजनाएं लागू की जा रही है. देश में अधिकांश किसान खेती के साथ पशुपालन का काम भी करते हैं. किसान को खेती के साथ ही पशुपालन से भी लाभ हो और उसकी आदमनी बढ़े, इसके लिए सरकार ने किसानों को गाय की खरीद पर सब्सिडी देने का फैसला किया है. प्रदेश सरकार चाहती है कि किसान खेती के साथ पशुपालन भी करें ताकि उनकी आय में इजाफा हो सके। किसान दुधारू पशुओं का दूध बेचकर उससे अपनी आय बढ़ा सकते हैं.
इसी बात को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को गाय खरीदने पर भारी सब्सिडी दी जा रही है. यह सब्सिडी किसानों को 2 गायों की खरीद पर दी जा रही है लेकिन शर्त यह है कि किसान के पास पहले से गाय नहीं होनी चाहिए. इस योजना के तहत दो गायों पर किसानों को 80,000 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। राज्य सरकार का उद्देश्य देसी गायों के पालन को बढ़ावा देना है. किसान दो स्वेदशी गाय खरीदने के लिए सब्सिडी (subsidy) का लाभ ले सकते हैं. यह योजना खासकर छोटे किसानों को ध्यान में रखकर बनाई गई है जिससे उन्हें खेती-किसानी के साथ ही पशुपालन से भी लाभ हो सके जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी हो.
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किन नस्ल की देसी गायों को खरीदने के लिए मिलेगी सब्सिडी
प्रदेश सरकार की ओर से नंदबाबा दुग्ध मिशन के तहत मुख्यमंत्री स्वदेशी गौसंवर्धन योजना (mukhyamantree Swadshi Gausvardhan Yojana) की शुरुआत की गई है. इसके लिए जनादेश जारी कर दिया गया है। जनादेश के अनुसार यदि किसान दूसरे प्रदेश से साहिवाल, थारपारकर, गिर या संकर प्रजाति की गाय खरीदते हैं तो उन्हें ट्रांसर्पोटेशन, ट्रांजिट इंश्योरेंस एवं पशु इंश्योरेस सहित अन्य मदों पर खर्च होने वाली राशि पर सब्सिडी दी जाएगी. यह सब्सिडी पशुपालकों को अधिकतम 2 गायों पर दी जाएगी जो अधिकतम 80,000 रुपए तक होगी.
योजना के तहत किसे मिलेगी प्राथमिकता
विभाग की ओर से दो स्वदेशी नस्ल की गायों (Indigenous breed cows) की खरीद पर सभी मदों पर खर्च होने वाली कुल राशि 2 लाख रुपए माना गया है जिस पर 40 प्रतिशत यानी अधिकतम 80,000 रुपए बतौर सब्सिडी (subsidy) दी जा रही है. इस योजना के तहत 50 प्रतिशत महिला दुग्ध उत्पादकों एवं पशुपालकों को प्राथमिकता दी जाएगी.
योजना की क्या है शर्तें
इस योजना के तहत सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने के लिए लाभार्थी किसान पशुपालकों को कुछ शर्तें पूरी करनी होगी. इसमें से पहली शर्त यह है कि लाभार्थी के पास गौ पालन के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए. इसके अलावा लाभार्थी के पास पहले से दो से अधिक स्वदेशी उन्नत नस्ल की गाय नहीं होनी चाहिए. गौ पालकों को दूसरे प्रदेश से ही स्वदेशी गाय की उन्नत नस्ल खरीदना जरूरी होगा. इसके लिए मुख्य विकास अधिकारी से अनुमति पत्र जारी किया जाएगा. उसके बाद ही आप दूसरे प्रदेश से स्वदेशी नस्ल की गाय की खरीद कर सकेंगे.
डेयरी किसानों के लिए भी है खास योजना, मिलेगी 15 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि
अन्य प्रदेशों से गाय की खरीद के अलावा डेयरी किसानों को स्वदेशी गाय पालने के लिए भी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. इसके लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना (mukhyamantri Progressive Animal Husbandry Promotion yojana) के तहत डेयरी किसानों को स्वदेशी नस्ल जैसे- साहिवाल, गिर, गंगातीरी और थारपारकर गाय पर यह प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. यह प्रोत्साहन राशि पशुपालकों को दूध की मात्रा के आधार पर 10 से 15 हजार रुपए तक दी जाएगी.
योजना का लाभ लेने के लिए कहां करें संपर्क
यूपी सरकार की इस योजना का लाभ लेने एवं इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए किसान अपने जिले के निकटतम कृषि विभाग या पशुपालन विभाग से संपर्क कर सकते हैं.
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